पति पत्नी की मौत की पर सेमरी गांव में मचा कोहराम बड़े
संवाददाता— मो०शमशाद आलम
करगहर –भभुआ से सासाराम आ रही बस में मां की गोद में सो रहा 7 वर्षीय राउफ को क्या पता था की मौत उसके अब्बा व अम्मी को निगल जाएगी और दोनों की आंखें सदा के लिए बंद हो जाएंगी । रविवार को अहले सुबह शिवसागर के अउंवाँ गेट के समीप हुई बस दुर्घटना में मां की गोद में खून से लथपथ लिपटे इस बच्चे को ग्रामीणों ने बाहर निकाला जिसे हल्की चोटें आई हैं इस घटना की सूचना जैसे ही लोगों को मिली करगहर थाना क्षेत्र के सेमरी गांव में माहौल काफी गमगीन हो गया और मातम सा छा गया।।हादसे की जानकारी लेने के लिए मृत दरवाजे पर शुभचिंतकों के आने जाने का सिलसिला जा रहा। ग्रामीण एक दूसरे से कहते सुने गए कि कल ही मुख्तार अपनी साइकिल पंचर की दुकान पर दिखाई दिया था । शनिवार को दोपहर में मुख्तार के बड़े भाई वहाब खान के ससुराल भभुआ से यह खबर आई कि उसके ससुर की तबीयत बहुत खराब है ।ऐसी स्थिति में बड़े भाई के आग्रह पर मुख्तार पत्नी रेशमा खातून और 7 वर्षीय राउफ के साथ भभुआ चला गया ।रात में भाई के ससुराल में रात भर कुशल क्षेम के बाद रविवार की सुबह वह सपरिवार अपने गांव सेमरी रहा था की मौत ने पति पत्नी को आगोश में ले लिया । मुख्तार के बड़े भाई वहाब खान को इस बात का मलाल है कि अपने ससुर की बीमारी में स्वयं न जाकर छोटे भाई को क्यों भेज दिया । दुनियादारी के आगे उसे ही दोषी ठहराया जाएगा । इस बात को सोच कर रो रो कर उसका बुरा हाल था ।मुख्तार पांच भाइयों में सबसे छोटा था ।उसके मौत की खबर जैसे ही परिवार में पहुंची मातमी सन्नाटा पसर गया । भाभियों का रो-रोकर बुरा हाल था । बड़ी भाई भाभी रूबी खातून की चित्कार गूंज रही थी।वह बार-बार कह रही थी कि अब इसके बच्चों का परवरिश कैसे होगा । गांव की महिलाएं ढाढ़ह बंधा रही थीं ।
मृतक मुख्तार खान की करगहर स्थित साइकिल पंचर की एक दुकान थी । उसकी आमदनी से परिवार का भरण पोषण होता । पत्नी रेशमा खातून ग्राम पंचायत सेमरी गांव में आशा के पद पर कार्यरत थी ।इनके पांच बेटों में मुस्कान 15 वर्ष, सलमान तेरह वर्ष ,गुलशन 11 वर्ष, अरबान 9 वर्ष, राउफ 7 वर्ष कि है । साइकिल पंचर की दुकान से वह बच्चों की अच्छी तालीम देने के लिए कठिन मेहनत करता । वह अक्सर अपने बड़े भाई से यह कहता है कि पढ़ा लिखा कर मुस्कान और सलमान को इंजीनियर बनाना है लेकिन उसकी सोच सदा सदा के लिए दफन हो गई ।