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10वीं पास फ्रॉड ने बनाया इंडिया यूथ आइकन पार्टी फिर देश भर में कोरोना मरीजों की मदद के नाम पर लाखों रूपये ठगे

आरा सिटी रिपोर्टर रूबी कुमारी

आरा भोजपुर आरा शहर के रहने वाले एक दसवीं पास फ्रॉड ने महामारी के इस दौर में अपनी हरकतों से बिहार को शर्मसार कर दिया. ऋतिक कुमार सिंह उर्फ ऋतिक प्रताप सिंह नाम के इस फ्रॉड ने पहले खुद को यूथ आइकन घोषित किया. फिर देश भर में इंडिया यूथ आइकन टीम खडा किया. जब कोरोना महामारी फैली तो लोग ऑक्सीजन के लिए बेचैन हो गये. इस यूथ आइकन ने मरीजों को ऑक्सीजन देने के नाम पर देश भर में 50 से ज्यादा लोगों से ठगी कर ली. हालांकि दिल्ली पुलिस की टीम ने उस अब गिरफ्तार कर दिया

आरा का फ्रॉड यूथ आइकन

आरा के रामनगर का रहने वाला ऋतिक कुमार सिंह उर्फ ऋतिक प्रताप सिंह पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. दिल्ली पुलिस की टीम ने उसे उसके साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया है. उसके पास से ठगी में इस्तेमाल किये जा रहे दो मोबाइल औऱ सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. उसके बैंक खातों का भी पता चला है जिसमें वह यूपीआई के जरिये पैसे मंगवा रहा था. पुलिस के मुताबिक उसने देश भर में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन देने के नाम पर ठगी की. इसमें उसका एक साथी भी शामिल था. यूपी के गाजीपुर के रहने वाले संदीप पांडेय नाम के उसके साथी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. ऋतिक पर अप्रैल से अब तक कई राज्यों के 50 से अधिक लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप है.

दिल्ली पुलिस ने बताया कि ठगी के पैसे को जमा करने के लिए ऋतिक प्रताप सिंह ने कई बैंक खातों का इस्तेमाल किया है. पुलिस ने बताया कि ऋतिक कुमार सिंह कोविड पॉजिटिव रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को उनके दरवाजे पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने का वादा करता था. सिलेंडर पहुंचाने के लिए वह यूपीआई के जरिये पैसे की मांग करता था. पैसे आने के बाद किसी को सिलेंडर की आपूर्ति नहीं की गयी

दिल्ली के एक पीड़ित ने करायी थी FIR

पिछले दो मई को ऋतिक कुमार सिंह उर्फ ऋतिक प्रताप सिंह के खिलाफ दिल्ली में एफआईआर हुई थी. दिल्ली के दिल्ली के विवेक विहार में पुलिस थाने में फोन कर एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उससे ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान करने के बहाने मोटी राशि की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गयी है. विवेक विहार पुलिस ने एक्शन में आते हुए मामले की जांच एसआई अर्जुन सिंह को सौंपी. पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो दिल्ली के विवेक विहार निवासी संचेत अग्रवाल ने बताया कि उनकी मां वंदना कोरोना पीडित होकर काफी बीमार थीं. मां के लिए उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी.

पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर की तलाश में उन्होंने इंस्टाग्राम पर फैलाये जा रहे हेल्प लाइन नंबरों पर संपर्क किया. एक नंबर पर बातचीत हुई तो उनसे कहा गया कि वे पैसे का भुगतान कर दें तो उनके घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंच जायेगा. संचेत अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने और उनके पिता ने दो सिलेंडरों के लिए पेटीएम के माध्यम से 14 हजार रुपये का भुगतान किया लेकिन उन्हें कोई ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला. बाद में उन नंबरों को स्वीच ऑफ कर दिया गया. तब उन्होंने पुलिस में गुहार लगायी.

एफआईआर के बाद छानबीन में जुटी दिल्ली पुलिस की टीम ने उस बैंक औऱ पेटीएम अकाउंट की जानकारी लेनी शुरू की जिसमें पैसे मंगवाये गये थे. पता चला कि धोखाधड़ी के लेनदेन को पेटीएम वॉलेट में जमा किया गया था जो कि संदीप चाय के नाम पर रजिस्टर्ड था. वहीं धोखाधड़ी से ठगे गये 14 हजार रुपये को यूपी के गाजीपुर जिले के सिद्धगढ़ स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में ट्रांसफर कर दिया गया था. वह खाता संदीप पांडेय के नाम था. उस खाते से जो मोबाइल नंबर लिंक था उसी मोबाइल नंबर का उपयोग ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर पैसे की ठगी के लिए किया गया था. पुलिस ने आगे जांच की तो पता चला कि धोखाधड़ी से आ रहे पैसे को गाजीपुर के यूनियन बैंक से बिहार के आऱा के चौक बाजार स्थित सेंट्रल बैंक में ट्रांसफर किया जा रहा था. वह खाता आरा के रामनगर निवासी ऋतिक कुमार सिंह के नाम पर है

पुलिस ने औऱ छानबीन की तो पता चला कि पूरे रैकेट को ऋतिक संचालति कर रहा है औऱ उसमें संदीप उसका भादीगार है. ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ऋतिक कुमार सिंह के खाते में 4 लाख 23 हजार रूपये ट्रांसफर हुए. वहीं उसके साथी संदीप पांडेय के खाते में 2 लाख 43 हजार रूपये आये. जाहिर है ठगी के पैसे का बडा हिस्सा ऋतिक कुमार सिंह के पास पहुंच रहा था.

10वीं ॠतिक यूथ आइकन पार्टी चलाता है

आरा का रहने वाला ऋतिक कुमार सिंह उर्फ ऋतिक प्रताप सिंह सिर्फ 10वीं कक्षा तक पढा लिखा है. वह पिछले कुछ सालों से दिल्ली में रह रहा है. उसने पहले खुद को यूथ आइकन घोषित किया. फिर एक पॉलिटिकल पार्टी बना ली. उसने युवाओं को ख्वाब दिखाया कि वह वैसे लोगों को जोडना चाहता है जो समाज में यूथ आइकन के तौर पर काम कर रहे हैं.

ऋतिक कुमार सिंह उर्फ ऋतिक प्रताप सिंह ने पुलिस के समक्ष ये दावा किया कि उसकी पार्टी का हेडक्वार्टर ग्रेटर नोयडा में है औऱ वह उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष है. उसने दावा किया कि देश के 8 राज्यों में 18 लाख युवा उसकी पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं. उसने एक कंपनी भी बना रखी है जिसके नाम पर तकनीकी संस्थानों में छात्रों का एडमिशन कराने का दावा करता है. पुलिस को शक है कि इसमें भी वह बडे पैमाने पर हेराफेरी कर रहा होगा.

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