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चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से दिवंगत 1205 शिक्षकों/कर्मचारियों की सूची जारी कर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मांगा दिवंगतों के परिवार के लिए न्याय

लखनऊ। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मतदान/मतगणना ड्यूटी व प्रशिक्षण के दौरान संक्रमित हुए 1205 शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सूची जारी कर दिवंगत शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के परिवार को न्याय देने की मांग की है। प्रदेशीय मीडिया प्रमुख प्राथमिक संवर्ग बृजेश श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि दिवंगत 1205 शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सूची संगठन के प्राथमिक संवर्ग के प्रदेश संरक्षक गोविंद तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मातादीन द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह व प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह के संयुक्त हस्ताक्षरों से जारी की गयी है।
प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान कार्मिक के रूप में लगाए जाने वाले शिक्षकों/गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का कोरोना टीकाकरण कराकर कोविड प्रोटोकॉल का सख्त अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए ही निर्वाचन कार्य में भेजे जाने का पत्र मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, मुख्य चुनाव अधिकारी उत्तर प्रदेश तथा अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश 27 मार्च 2021 को प्रेषित किया था परन्तु राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के इस पत्र को कोई महत्व न देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग एवं राज्य सरकार ने हठधर्मिता दिखाते हुए कोरोना से मतदान कार्मिकों को बचाने का कोई व्यवस्था किये बिना ही चार लाख से ज्यादा शिक्षक एवं कर्मचारियों को चुनाव में मतदान कार्मिक के रूप में लगा दिया जिससे मजबूर होकर ये शिक्षक/कर्मचारी चुनाव प्रशिक्षण,मतदान एवं मतगणना में भारी भीड़ एवं कोरोना गाइड लाइन का जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अनुपालन सुनिश्चित न किए जाने के कारण असुरक्षित माहौल में मतदान कार्मिक का अपना दायित्व निभाने के लिए मजबूर हुए जिस दौरान प्रदेश के हजारों शिक्षक और कर्मचारी कोरोना से संक्रमित होकर गंभीर रूप से बीमार हुए जिनको समुचित चिकित्सा व्यवस्था भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया जिसकी वजह से चुनाव प्रशिक्षण के बाद से अब तक ऐसे संक्रमित शिक्षकों एवं कर्मचारियों की मृत्यु का जो सिलसिला शुरू हुआ वह आज तक जारी है।
प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह में कहा कि इस विषय में यह भी उल्लेखनीय है कि इन मतदान कार्मिकों की मृत्यु हार्ट अटैक जैसी बीमारी के कारण नहीं हुई है जो एक दिन में ही हो जाय अपितु यह निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान असुरक्षित माहौल में हजारों की भीड़ में कराए गये चुनाव प्रशिक्षण, मतदान एवं मतगणना से हुए कोरोना संक्रमण के कारण हुआ है जिसका असर कोरोना संक्रमण होने के एक सप्ताह से लेकर २०-२५ दिनों के भीतर बड़ी संख्या में शिक्षकों/कर्मचारियों की मृत्यु के रूप में आ रहा है।
प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा कि अपने दिवंगत शिक्षकों एवं कर्मचारियों को न्याय दिलवाने एवं इनके आश्रितों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने अपनी समस्त जिला इकाइयों के माध्यम से आज तक दिवंगत हुए शिक्षकों/कर्मचारियों की एक सूची बनाई है जिससे इन दिवंगत शिक्षकों/कर्मचारियों के परिवारों को न्याय दिलाया जा सके।
प्रदेशीय संयुक्त मंत्री शशांक पाण्डेय, लखनऊ मण्डल अध्यक्ष महेश मिश्रा, लखनऊ मण्डल कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने प्रदेश नेतृत्व की मांग का समर्थन किया है।

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