ब्यूरो चीफ औरंगाबाद
(कुटुम्बा):-इकतीस दिसंबर की रात बारह बजते ही नए साल 2021 का आगमन हो रहा है, हर साल जहां नए साल के आगमन के पहले ही लोग मौज मस्ती और पिकनिक मनाने जुट जाते थे,वहीं इस बार भी ज्यादातर लोग पिकनिक स्पाट पर पहुचंना पंसद कर रहे हैं जिले के ज्यादातर पिकनिक स्पाटों में पर्यटकों का आगमन भी शुरू हो चुका है,हालांकि, पहली जनवरी को सभी पिकनिक स्पाट पर गुलजार रहते हैं,बीता हुआ कल कुछ न कुछ आते हुए नए पल के साथ एक बार फिर सचित्र आंखों के सामने मन से तरोताजा नजर आता है,ठंड का अहसास,कुछ खट्टी मीठी बातें तो कुछ अपनों के साथ बिताए हुए पल को लोग नए साल के आगमन के साथ ही याद करते हैं,आखरी दिसंबर की रात को पुराने साल को विदाई देते हुए लोग नए साल का स्वागत करने में जुटे हुए हैं,तो कुछ ऐसे भी है,जो अपनी बुरी आदतों को छोड़ने का वादे भी करते हैं,युवा वर्ग पूरी तरह दिसंबर महीने अन्तिम की रात को बारह बजे नए वर्ष का स्वागत करने तैयारी मे जुटे हैं,अब आसपास ऐसी ढेरों जगह है, जो नए साल पर घूमने लायक और मनोरंजक भी है,इस स्थानों में धार्मिक,प्राकृतिक और ऐतिहासिक महत्व की जगह है,यह सभी ऐसी जगह है,जहां सालों भर दूर-दूर से पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है,जिले के आसपास चपरा,दुमुहान,मदनपुर,देव, पिपरा सांडी,किसुनपुर धार्मिक स्थलों पर लोग घूमने के लिए आते हैं,इसके अलावा अन्य जिलों से भी पर्यटक भी यहां आते है,और दर्शन कर खूब आनंद उठाते हैं, बिहार औरंगाबाद जिले के मां सतबहिनी मन्दिर से लगभग 10 किमी दूर सूर्य मन्दिर अविरल तालाब सह नव ग्रह वन वाटिका पिपरा,सांडी,मटपा के नाम से प्रसिद्ध सूर्य मन्दिर है,पर्यटन के लिहाज से बतरे नदी के तट पर बसा सूर्य मन्दिर लोगों को काफी आकर्षित करता है,नववर्ष पर यहां मनोरंजन के लिए बहुत कुछ है,मंदिर परिसर में काफी औषधिय पौधा का संग्रह भी है, वैसे तो हर रोज यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन मौका खास हो तो इसका अलग ही मजा है नववर्ष मनाने वालों के लिए यह बेहतर विकल्प है,सूर्यास्त के दुर्लभ दृश्य, पल-पल बदलते मौसम व बादलों का आनंद लेने जरूर आएं..!