बादल हुसैन
मधुबनी अंतर्राष्ट्रीय महत्व की निर्माणाधीन जयनगर वर्दीवास आमान परिवर्तन परियोजना फिलहाल उपद्रवी व शसरती तत्वो के निशाने पर है।इस मार्ग पर लोग ट्रेन परिचालन शुरु होने का इंतजार कर रहे है।जबकि उपद्रवी व शरारती तत्वों के द्वारा निर्माणाधीन परियोजना में लगे समानों की चोरी के साथ व्यापक स्तर पर क्षति पहुंचाया जा रहा है।उपद्रवियों व शरारती तत्वों की हरकतों से परेशान निरमाण ऐजेन्सी इरकाँन ने नेपाल के उच्चाधीकारियों से परियोजना की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।मालुम हो कि 69 किलोमीटर लम्बी जयनगर से कुर्था के बीच निर्माण कार्य पुरा हो चुका है।रेल टपरी के साथ स्टेशन भवन सिग्नल विधुत आदि कार्य पूरा हो चुका है।उपद्रवी व शरारती तत्व इसे निशाना बना रहे है।सूत्र ने बताया कि अवांछित तत्वों ने अबतक 20 हजार से अधिक रेल पटरी में लगा लोहे का क्लीप खोलकर गायब कर दिया है।रेल पटरी में लगनेवाले 900ग्राम वजनी एक क्लीप की कीमत करीब 100 रुपये पड़ता है।इसके साथ ही स्टेशन परिसर में लगे पंखे वाटरस्टैण्ड में लगा नल टोटी समेत अन्य समान बहुतायत में गाब है।सूत्र ने बताया कि हालत यह है कि शरारती तत्वों ने इस खंड के परवाहा स्टेशन पर स्टेशन भवन में लगा शीशा व यात्रियों के बैठने के लिये बनाये बैंच की टाइल्स उखाड़ने के साथ ही मुख्य दरवाजे पर लगे भारी भरकम लोहे के ग्रिल गेट का एक हिस्सा तोड़कर गायब कर दिया है।इस खंड़ के इनरवा,खजुरी,महिनाथपुर,आदि स्टेशनों पर भी रेल सम्पति को क्षतिग्रस्त करने की खबर है।आप को बतादे की जयनगर – जनकपुर नेपाल वर्दीवास आमान परियोजना हिमालयी देश नेपाल की पहली ऐसी रेल परियोजना है जिस पर यात्री ट्रेनों का परिचालन होना है।रेलवे लाइन के आभाव वाले इस देश में रेल सम्पतियों की सुरक्षा को लेकर अधतन किसी ऐजेन्सी का गठन नही किया गया है।सिविल प्रशासन ही फिलहाल इसके लिये उतरदायी है।नतीजा उपद्रवियों व शरारती तत्वों का तांडव बेखोफ चल रहा है।सूत्र ने बताया कि रेल सम्पतियों के गायब होने व क्षतिग्रस्त करने की गंभीर शिकायत मिलने के बाद करीब एक सप्ताह पूर्व नेपाल सरकार ने रेल सम्पतियों की सुरक्षा का जिम्मा तत्काल प्रभाव से अन्तर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात नेपाल के अद् धसैनिक बल एपीएफ आर्मड पुलिस फोर्स को सौंफा है।इससे हालात में सुधार को उम्मीद है।