मानक विपरीत,पीला ईंट से निर्माण प्रधान/सचिव श्रीराम गुप्ता की मिलीभगत किसी समय बरपा सकती है कहर?
इंतजार है भ्रष्टाचार पर कब होगी बड़ी कार्यवाही
अजय सिंह/नीरज अवस्थी
सीतापुर। शासन हर मुमकिन कोशिश कर रहा है कि जो व्यवस्था है। उसमें हर तरीके से ऐसी कोशिश की जाए कि जिसमें विकास आगे बढ़ सके और आम जनमानस को जो धनराशि आवंटित होती है उसका पूरा का पूरा लाभ सभी को मिले जिससे कि भ्रष्टाचार के ऊपर लगाम लगाई जा सके ऐसे कई उदाहरण है।जब शासन ने भ्रष्टाचार के ऊपर जो कार्यवाही की है वह इतिहास के पन्नों में दर्ज है जिस को नकारा नहीं जा सकता और भ्रष्टाचार पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की है जिसका उदाहरण किसी को बताना आवश्यक नहीं है। क्योंकि सरकार ने जो कार्य किया है।वह अपने आप में इतिहास बन चुका है लेकिन सरकारी तंत्र फिर भी कुछ मौजूद अधिकारी अब जी पुरानी मशीनरी के चलते कार्य करने में लगे हैं जो भ्रष्टाचार भी जबरदस्त करते हैं और शायद उन्हीं की सैर पर भ्रष्टाचार को बल मिलता है। जिसके चलते निचले स्तर पर भ्रष्टाचार होता है और अपनी भ्रष्टाचार नीति के चलते पूरा का पूरा फायदा लेकर ऐसे कर्मचारियों को उच्च अधिकारी बाहर कर देते हैं और ऐसा बाहर कर देते हैं जैसे मानो कि कहीं कुछ हुआ ही नहीं जबकि अगर धरातल स्थल पर देखा जाए तो बड़ा घोटाला होता है लेकिन अधिकारियों की मदद से वह चट हो जाता है।मामला कितने ही बड़े घोटाले से क्यों न संबंधित हो परंतु उस पर पर्दा पड़ जाता है बताते चलें कि मामला काफी सर गर्मियों से चर्चाओं में चल रहा है और बड़ा घोटाला होने के पूरे संकेत मिल रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी उच्च अधिकारी शायद शिकायत का इंतजार कर रहे हैं, सवाल बनता आखिर क्या यही उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार पर प्राथमिकता है? जब जानकारी है तो उस पर अभिलंब कार्रवाई तो होनी ही चाहिए। मामला है मछरेहटा विकासखंड से जुड़ा हुआ ग्राम पंचायत कंदुवापुर का जिसमें बड़े पैमाने पर ग्राम पंचायत अधिकारी श्री राम गुप्ता और राम लली प्रधान ने मिलकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया इसमें विकासखंड मछरेहटा के अपर विकास अधिकारी पंचायत व अधिकारी भी शामिल बताए जाते हैं।लेकिन भ्रष्टाचार जो किया गया उस पर कार्यवाही अभी भी शून्य है। क्योंकि शायद इनके फसने का डर है सोशल मीडिया पर से लगाकर हर जगह अब इस मामले की चर्चाएं हो रही हैं कि आखिर कंदुवापुर ग्राम पंचायत पर इतनी अधिकारियों की दरियादिली क्यों है? सभी सवालों का एक उत्तर है दरियादिली नहीं मिलकर भ्रष्टाचार करने का मामला है जिस से एक ने सवाल खड़ा किया तो दूसरा फंसे गा और शायद फसने वाले ने सवाल किया तो सभी फसेंगे जिसके चलते भ्रष्टाचार अब तक दबा हुआ है। जबकि हर निर्माण कार्य में मानक विपरीत कार्य इसका साक्षी है और पक्के निर्माण में पीला इट का उपयोग इसे प्रमाणित करता है की ग्राम पंचायत में हुआ निर्माण कार्य कभी भी तबाही का मंजर भी रह सकता है? परंतु भ्रष्टाचार करने वालों को इस से कोई भी सरोकार नहीं है क्योंकि उनको तो उनका हिस्सा मिल चुका है ।अब देखना यह है कि इस मामले में शासन की जीरो टॉयलेट में क्या कुछ काम कर दिखाती है और भ्रष्टाचार करने वालों पर तात्कालिक कार्रवाई होगी फिलहाल तो इसमें तो संशय पूरी तरीके से बरकरार है क्योंकि शायद कार्यवाही तो नहीं संभव है। लेकिन अगर अधिकारी ईमानदार हैं तो इसमें कोई शक नहीं है कि तात्कालिक कार्रवाई हो तो मामला खुद ब खुद निकल कर सामने आ जाएगा।….आगे