रिपोर्ट:-बलराम कुमार सुपौल बिहार
सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय क्षेत्र की है।
गरीब मजदूरों से पूछा गया की आप लोग कहाँ जा रहे हो तो मजदूरों ने बताया की हमलोग बाहर हरियाणा कमाने जा रहे हैं।
जब हमने मजदूरों से पूछा की अभी अभी कुछ दिन पहले आप लोग आए हो तो क्यों जा रहे हो।
तो मजदूरों ने बताया की यहाँ काम नहीं है।
यहाँ रहेंगे तो भूखे मरेंगे।
बाहर जाएँगे तभी तो कमा कर लाएंगे पेट भी तो भरना है।
खाना खाना कहाँ से खाएंगे।
एक तरफ सरकार कुछ दिन पहले हीं सरकार गरीब मजदूरों को बिहार लाने में लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए हैं।
वहीं बिहार सरकार दावे भी करती है की बिहार के मजदूर अब रुपए कमाने के लिए बिहार से बाहर नहीं जाएंगे।
तो वहीं दूसरी तरफ सरकार का दावा फैल होता नजर आ रहा है।
वहीं यूपी, हरियाणा, नम्बर वाहन चालक से पूछा गया की आपलोग कहाँ से आए हो तो वाहन चालक ने बताया की हमलोग हरियाणा से मजदूरों को लेने आए हैं।
वहीं अभी कुछ दिन पहले ही कोरोना वायरस जैसे महामारी के बीमारी से बंदी के बाद पहला चरण खुलना शुरू हीं हुआ है।
की सैकड़ों की संख्या में गरीब मजदूर बाहर जाने को मजबूरी में कर रहे हैं
पायलान।
अब देखना लाजमी होगा की बिहार सरकार मजदूरों को मजदूरी देने में कितना तक सफल हो पाते हैं।
या बिहार सरकार का वादा झूठा साबित होता है।