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उत्तर प्रदेशदेश

मुख्यमंत्री पोर्टल भी अधिकारियों के लिए बना खिलवाड़

उपजिलाधिकारी लहरपुर रामदरस राम से ईओ नगरपालिका परिषद को जांच देने से निष्पक्ष जांच पर उठे सवाल
अजय सिंह
सीतापुर। करोड़ों के घोटाले का नगरपालिका परिषद लहरपुर का मामला वर्तमान समय में ईओ नगरपालिका को उपजिलाधिकारी लहरपुर रामदरस राम द्वारा जांच अधिकारी बनाने से तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है।क्योकिं सवाल उठ रहे हैं जो प्रार्थना पत्र में जिनके खिलाफ जांच होनी है उसी को जांच अधिकारी बना दिया गया है। जांच प्रक्रिया की गति भी बिल्कुल धीमी चलती हुई नजर आ रही है। बताते चलें कि इस मामले में अतीक खान ने प्रधानमंत्री भारत सरकार व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को प्रार्थना पत्र किए थे जिस पर जिलाधिकारी सीतापुर द्वारा टीम गठित करके जांच कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए उप जिला अधिकारी लहरपुर दिया गया था।जिस पर जांच कार्यवाही लंबित है। चर्चाओं का दौर बदस्तूर जारी है लेकिन उसके बाद भी कार्यवाही आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रही जिसमें सस्पेंस अभी भी बना हुआ है क्या कार्यवाही फिर से दबा दी जाएगी? क्योंकि लोगों का मानना है कि जिस तरीके से इस कार्यवाही को आगे बढ़ाना चाहिए था। जीरो टायरेंस के तहत भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होना चाहिए था लेकिन अभी तक नहीं हो पाई है आखिर माजरा क्या है? बताते चलें कि इस मामले में अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई है जिससे भ्रष्टाचार पर जो शासन प्रशासन का रुख है स्पष्ट नहीं लग रहा है यही लग रहा है कि भ्रष्टाचार को दबाने का ही प्रयास हो रहा है कि नहीं तो अब तक इस मामले में कार्यवाही तो कर देनी चाहिए थी और भ्रष्टाचार सलाखों के पीछे होने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं है कार्यवाही की धीमी गति से चलना क्या यही बदला रही है जो लोगों की सोच है की कार्यवाही नहीं हो पाएगी?बताते चलें कि इस बड़े भ्रष्टाचार के मामले में कई दिग्गज शामिल हैं जिसमें पूर्व बसपा विधायक व वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष जासमीर अंसारी ईओ हनीफ खान तथा जेई समरा सईद व जलकल जेई के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं कि इन्हीं की देखरेख में यह करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया है और सरकारी धन का दुरुपयोग कर स्वयं का विकास किया गया है,जिसमें चर्चा कर लोग उपहास कर रहे हैं एक कहावत है कि एक नेता जी जब वोट मांगने आये तो उनके पुत्र का नाम विकास था, कहने लगे हमको वोट दें जो करेंगे विकास के लिए करेंगे अर्थात कहने का तात्पर्य यह है की सिर्फ अपना व अपनो का विकास करेंगे, यह कथन यहां पर भी सत्य होता हुआ नजर आ रहा है की जो भी विकास के नाम पर खर्च किया गया वह स्वयं के विकास के लिए किया गया। जिससे शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया।जिम्मेदार अधिकारी से लेकर पालिकाअध्यक्ष जासमीर अंसारी व चहेते ठेकेदार तक मालामाल हो गए।लेकिन प्रश्न उठता है आखिर जब मामला पारदर्शी हो चुका है तो जांच कर कार्यवाही कब होगी?बताते चलें कि इस मामले में ट्विस्ट तो तब होता है जब अर्जुन कहे जाने वाले उपजिलाधिकारी लहरपुर रामदरश राम पर लोगों ने चर्चाओ में सुना गया है कि तंज कसना शुरू कर दिया है और यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि सीएम पोर्टल के नाम पर भी खिलवाड़ किया जा रहा है कहने का तात्पर्य यह है कि जब आरोपी को ही जांच अधिकारी बना दिया जाएगा तो फिर जांच कितनी सटीक और निष्पक्ष साबित होगी यह समझने की बात है हालांकि यह सब चर्चाओं से है और चर्चाओं का कोई अस्तित्व नहीं होता लेकिन फिर भी एक सवाल यह बनता है कि आखिर कार जांच अधिकारी आरोपी है तो वह जांच सही दिशा में कैसे करेगा और क्या अपने आप को ही वह दोषी ठहराएगा? इसलिए कहा जा रहा है कि जिला अधिकारी के माध्यम उप जिला अधिकारी राम दरस राम को मामले की जांच दी गई थी लेकिन उनके द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से जानकारी की गयी है कि जांच अधिकारी,उपजिलाधिकारी लहरपुर रामदरश राम माध्यम से ईओ नगरपालिका परिषद को बनाया गया है।जो अपने आप मे ही निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़ा करता है। हालांकि मामला जो भी हो जिस तरीके से नगर पालिका परिषद लहरपुर की जांच अधर में लटकी है, उससे सवालिया निशान लग गया है,जो जांच आख्या होगी वह कितनी निष्पक्ष होगी समय के अंतराल पर ही पता चलेगा ।…जारी
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हरगांव नगर पंचायत की भी करायी जाए जांच,निकलेगा बड़ा भ्रष्टाचार?
सीतापुर। लहरपुर नगर पालिका परिषद में करोड़ों के हेराफेरी कि जहां जानकारी मिल रही है तो दूसरी तरफ नगर पंचायत हरगांव के भी कारनामे सामने आना शुरू हो गए बताते चलें कि जो जूनियर इंजीनियर लहरपुर नगर पालिका में तैनात हैं वहीं जूनियरइंजीनियर समरा सईद व जलकल जूनियर इंजीनियर हरगांव नगर पंचायत में भी कामकाज देखने की चर्चा हो रही है।जिससे एक सवालिया निशान खड़ा होता है।जब यही अधिकारी तैनात रहे लहरपुर नगर पालिका परिषद में करोड़ों का घोटाला किया गया है। तो वहीं अधिकारियों के नगर पंचायत हरगांव में रहते घोटाला क्यों नहीं हो सकता है? जिससे चर्चाएं होना लाजमी है की स्पष्ट तौर से शासन की भ्रष्टाचार के विरुद्ध रणनीति को प्रभावित करना अधिकारियों का मिशन बन गया है अगर ऐसा नहीं है तो इस मामले में तत्कालिक जांच व कार्यवाही हरगांव नगर पंचायत पर होनी चाहिए।

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