सासाराम ब्यूरो चीफ संदीप भेलारी
सासाराम
रोहतास जिला में बालू खनन व उसकी ढुलाई पर अब आर्थिक अपराध इकाई नजर रख रही है। ईओयू ने खनन विभाग से जिले में संचालित होने वाली बालू घाटों की अद्यतन स्थिति से संबंधित प्रतिवेदन की मांग की है। जिसमें बगैर बैरियर व धर्मकांटा लगे घाटों की सूची मुख्य रूप से शामिल है। सोन नदी में अवैध रूप से चल रहे दर्जन भर अवैध बालू घाटों पर रोक नहीं लगने व चेकनाका पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा नाजयज राशि लिए जाने के बाद महकमा सक्रिय हो गया है। बगैर बैरियर व धर्मकांटा से बालू की हो रही ढुलाई से रोजाना सरकार को लाखों रुपये राजस्व की क्षति हो रही है। जो एक आर्थिक अपराध है। इस धंधे में माफिया व धंधेबाज के अलावा अधिकारियों व कर्मियों पर भी नजर रखनी शुरू कर दी गई है।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार लघु खनिज अधिनियम नियमावली 2017 के आलोक में बालू घाटों पर बैरियर व धर्मकांटा स्थापित करना आवश्यक है। अवैध तरीके से बालू खनन व उसके परिवहन का काम कर रहे हैं, जो नियम का उल्लंघन है। इससे सरकार को रोजाना लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसलिए अधिकारी संचालित होने वाली बालू घाटों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने का निर्देश आर्थिक अपराध इकाई ने दिया है। लघु खनिज की भंडारण व ढुलाई पर नजर रखने के लिए जिला स्तरीय जांच दल भी गठित किया गया है। लेकिन दल द्वारा छापेमारी व ठोस कार्रवाई नहीं होने से बालू माफिया का मनोबल बढ़ता जा रहा है। दो दिन पूर्व डेहरी में एक एएसआइ समेत नौ पुलिस कर्मियों द्वारा अवैध बालू लदे ट्रकों को पार करने के नाम पर अवैध राशि लेते हुए पकड़े गए थे। जिन्हें जेल भी भेज दिया गया। जिसके बाद जिला प्रशासन ने विशेष अभियान चला लगभग डेढ़ सौ ओवरलोडेड बालू लदे वाहनों को जब्त किया है। अधिकांश वाहनों की हवा निकाल फोरलेन पर ही खड़ा कर दिया गया है। जिससे जाम की स्थिति बन गई है। ज्ञातव्य हो कि बगैर धर्मकांटा व बैरियर लगे घाटों से बालू खनन व उसकी ढुलाई को ले पहले भी जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर चुका है। लेकिन फिर भी अधिकांश घाट आज भी धर्मकांटा व बैरियर के बिना ही संचालित हो रहे है। यहां तक कि नियम को ताक पर रख जगह- जगह डंप कर रखे गए भारी मात्रा में बालू को भी जब्त करने के अलावा काफी संख्या में वाहन जब्त, धंधेबाजों व माफिया पर प्राथमिकी की भी कार्रवाई की गई है। कार्रवाई की जद में घाट संचालक से लेकर अवैध खनन को बढ़ावा देने वाले प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी आए। लेकिन बालू की ओवरलोडिग व बाहर के राज्यों में भेजने की सिलसिला जारी है।
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