गया/बिहार
गया जिला मुख्यालय से 45 km दूर पहाड़ो की तलहटी में बसा यह चिरियावां गॉव जँहा की 75 प्रतिशत घरो के लोग सेना और पुलिस में है अपने घरों को छोड़कर देश की सुरक्षा में तैनात है।आजादी के बाद इस गॉव में सड़क बनने की खबर से लोगो मे खुशी की लहर है। पहाड़ की कच्चे रास्ते से आवागमन कर अपनी ज़िंदगी के अंतिम पड़ाव पर पहुँचे ग्रामीण बताते है कि सड़क बनाने को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर,सीएम और पीएम तक आवेदन देते देते लोग थक चुके थे अब कुछ दिन पहले सड़क बनने की खबर सुनकर ग्रामीणों में काफी खुशी है। गॉव के ही सामाजिक लोगो ने भी सड़क बनवाने की जिद्द ठान रखी थी इसके लिए उन्होंने अपनी नॉकरी छोड़ कर इसी काम में लग गया जिला स्तर के पदाधिकारी से लेकर राज्य और केंद्र स्तर तक पत्राचार किया।उसके बाद सड़क बनने की खबर के बाद ग्रामीणों में उत्साह है।
वंही गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पहाडी रास्ते मे सड़क निर्माण में 600मीटर वन विभाग का जमीन था जिसके कारण NOC नही मिल पा रहा था जिसके कारण 72 सालों तक सड़क नही बन पाया।ग्रामीणों ने बताया कि सड़क नही होने की वजह से बरसात के दिनों में ग्रामीणों को आने जाने में काफी परेशानी होती थी वंही मरीजो को खाट के सहारे घाटी को पार करना पड़ता था। वंही सेना के जवान राम प्रताप सिंह ने कहा की अभी तक जो भी नेता इस गांव में वोट के लिए आये वह सिर्फ दिलासा दिए इस गांव के सड़क के लिए कुछ भी नहीं किया इस बार गांव आये है छुट्टी में तो पता चला की गांव में अब रोड बन रहा है इससे गांव के सभी लोग बहुत खुश है।वंही गांव के बुजुर्ग व्यक्ति हरिद्वार सिंह ने बताया की हमलोग आस भी छोड़ दिए थे की इस गांव में रोड बनेगा मगरगांव के ही कुछ सामाजिक व्यक्तियों ने अपना काफी समय इस गांव के रोड बनाने के लिए अधिकारियो के पास गए कुछ कठिनाई भी हुई मगर अब इस गांव में रोड बन जायेगा इस गांव के लगभग लोग फौज में है वंही सामाजिक कार्यकर्त्ता पंकज कुमार ने बताया की हमने अपने गांव के रोड के लिए अपना नौकरी तक को छोड़ दिया और इसी काम में लग गए पहले मुझे पता चला की कुछ जमीन वनविभाग का है इसलिए NOC नहीं मिला रहा है इसलिए रोड नहीं बन रहा है हमने सभी अधिकारी से मिलना सुरु किया उसका आज नतीजा है की रोड इस गांव में बनाने के लिए टेंडर भी निकल गया है।
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