जान जोखिम में डालकर स्कूली बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई
करगहर/रोहतास/बिहार
प्रखंड के बभन बरेहटा गांव स्थित सहदेईया नदी पर पुल के अभाव में बीजली के पोल पर जान जोखिम में डाल कर बच्चे विद्यालय जाने को मजबूर हैं। नदी पार स्थित मध्य विद्यालय बभन बरेहटा में उक्त गांव के छात्रों के अलावा सरेयां और हृदय सरेयां गांवों के बच्चे भी नदी पर बने बिजली के पोल के सहारे पार कर पढ़ने पहुंचते हैं।अभिभावक अपने दिल पर पत्थर रखकर बच्चों को स्कूल भेजते हैं। स्कूल से बच्चे जब तक घर नहीं पहुंच जाते, अनहोनी की आशंका से ग्रामीण भयभीत रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों को प्रतिदिन बिजली के पोल के सहारे पार करना पड़ता है। इस कारण गांव के दर्जनों लोग अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजते। ग्रामीणों ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व चचरी से पानी में गिरने से दो बच्चों की मौत हो चुकी है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बच्चों के शिक्षा के अलावा कृषि कार्य में काफी परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि खाद, बीज के साथ-साथ उत्पादित अनाजों को काफी कम कीमतों में बेचना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को होती है। गांव में जल्दी कोई रिश्तेदार भी नहीं आता है। उन्होंने बताया कि नदी में पुल निर्माण के लिए सांसद, विधायक, मंत्री, मुखिया व अधिकारी से गुहार लगायी गई। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुल के आभाव में सभी ग्रामीण श्रमदान कर नदी में प्रत्येक वर्ष बांस की चचरी तो बिजली के पोल का पुल बनाते हैं।