
पटना :–5 वर्ष आयु तक के 60 प्रतिशत बच्चे हैं कुपोषित प्रतिवर्ष एनीमिया में 3 प्रतिशत की दर से कमी लाने का लक्ष्य वर्ष 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम तथा सघन मिशन इन्द्रधनुष-2.0 को ध्यान में रखते हुए सोमवार को गाँधी मैदान में चल रहे सरस मेला में स्थित सेमिनार हॉल में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के साथ सघन मिशन इन्द्रधनुष-2.0 के उद्देश्यों पर विस्तार से जानकारी दी गयी.50 प्रतिशत आबादी कुपोषित: इस अवसर पर एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बीके मिश्रा ने कहा कुपोषित माता एक कुपोषित नवजात की जननी होती है. परिवार में माता के खानपान का ध्यान अमूमन नहीं रखा जाता है जिसका परिणाम उस परिवार की आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ता है. राज्य की करीब 50 % आबादी कुपोषित है तथा 60% गर्भवती माताएं भी कुपोषित हैं. बच्चों, किशोरियों तथा गर्भवती माताओं को बेहतर पोषण की अधिक जरूरत होती है. इनका बेहतर पोषण एक स्वस्थ एवं सुपोषित समाज की आधार शिला तैयार करती है. इसके लिए हम सभी को हर स्तर पर जागरूक होने की जरुरत है.
प्रतिवर्ष एनीमिया में 3 प्रतिशत की दर से कमी: डॉ. मिश्रा ने बताया असंतुलित खान-पान, पेट में कीड़ा होने एवं गर्भावस्था में लौह तत्व की कमी के कारण एनीमिया होता है . एनीमिया के कारण शिशुओं का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पता है तथा उन्हें आगे चलकर जीवन में अनेक कठिनाइयों से जूझना पड़ता है. राज्य सरकार ने प्रतिवर्ष एनीमिया में 3 प्रतिशत की दर से कमी लाने लक्ष्य रखा है. इसके लिए जागरूकता एवं सामूहिक सहभागिता की बेहद जरुरत है.
वर्ष 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य: राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. एन.के.सिन्हा ने कहा सम्पूर्ण टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है. इसे ध्यान में रखते हुए सघन मिशन इन्द्रधनुष-2.0 कार्यक्रम के माध्यम से भारत सरकार द्वारा दो वर्ष की आयु तक के प्रत्येक बच्चे और गर्भवती महिलाओं को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिन्हें नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत यह सुविधा नहीं प्राप्त हुई है। मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत वर्ष 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और उप-केंद्रों में ऐसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां टीकाकरण या तो नहीं हुआ है या उसका प्रतिशत बहुत कम है। राज्य सरकार एक शिशु के सम्पूर्ण टीकाकरण पर लगभग 24 हजार रूपये खर्च करती है तथा सरकारी चिकित्सकीय संस्थानों में यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध करायी जाती है. स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए कोल्ड चेन प्रणाली को और मजबूत कर रही है तथा वर्तमान में राज्य में 670 कोल्ड चेन पॉइंट है जिनकी गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखी जा रही है. तथा हमें इसके लिए हर स्तर पर समुदाय के बीच इस सन्देश को पहुँचाना. सरकार कुछ नए वैक्सीन को भी नियमित टीकाकरण में शामिल करने का प्रयास कर रही है तथा 2020 तक सम्पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रतिबद्ध है.
इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य समिति के अधिकारी, जीविका के प्रतिनिधि तथा अन्य लोग मौजूद थे.