ETV News 24
Other

बिहार सरकार के पूर्व श्रमनियोजन राज्य मंत्री अजीत कुमार सिह जी उर्फ मोहन बाबू का निधन

पूर्व मंत्री बने थे पंचायत के मुखिया, पढ़े इनकी दिलचस्प कहानी, पंचायत के लोग मानते थे मसीहा।
…………………………………………………

अजीत बाबू उर्फ मोहन बाबू को चाहे तो मंत्री जी कहें या मुखिया जी, एक बात तो माननी पड़ेगी कि उनका जीवन दर्शन सीधा था, लेकिन राह चले उलटी। 1980 में एमएलए चुने गए। पांच साल विधायक रहे। 1990 में दोबारा विधायक बने और लालू प्रसाद की सरकार में पांच साल श्रम मंत्री रहे। अब मुखिया थे।
मंत्री बनने के बाद मुखिया का चुनाव लड़ना गांव में वैसे ही माना जाता है, जैसे राष्ट्रपति बनने के बाद सांसद बनना, लेकिन मोहन बाबू को इससे फर्क नहीं पड़ता। गांव के लोगों की सेवा करने का मौका पाकर वे इसी पद से खुश थे। एक बार मंत्री बनने के बाद गांव-देहात के नेता जीवन भर ‘मंत्री जी’ का संबोधन इन्ज्वॉय करते थे।
अजीत बाबू को लोग प्यार से मोहन बाबू कहते थे और मुखिया जी कह दीजिए तो बेहद खुश होते थे।80 साल के थे पूर्व मंत्री अजीत कुमार सिंह। बैंक खाते का बैलेंस न्यूनतम रहता था। एक बेटी थी। उसका ब्याह कर दिया। भाई-भतीजों के साथ रहते थे। कहते हैं, क्षेत्र के लोगों के दिलों में खाता खोल रखा था। कहते थे ऑडिट कराइए तो पता चलेगा कि मैं कितना अमीर हूं। लोगों की सेवा से मिला पुण्य जीवनभर की कमाई थी। पद छोटा हो गया, तो यह प्यार वाली आय बढ़ गई। 2001 से बिहार के सिवान जिले की गोरेयाकोठी पंचायत के मुखिया थे। लगातार जीत रहे थे। हां, कभी वोट मांगने नहीं जाते थे।
रोज सुबह जो मिल गया, उसका कंधा पकड़कर गांव में निकल पड़ते थे। समस्याएं सुनते थे। समाधान सुझाते थे। घर पर भी मोहन बाबू की बैठकी चलती थी। गांव और आसपास के लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते थे। छोटे-बड़े विवाद होते थे। वह सुलझाने की कोशिश करते थे। डांटते-फटकारते थे। लोग बुरा नहीं मानते।
उनकी कोशिश होती थी कि बेवजह लोग थाना-पुलिस के चक्कर में न पड़ें। एक ऐसी सरकार में मंत्री रहे, जो बाद में भ्रष्टाचार के लिए बदनाम हुई, लेकिन मोहन बाबू की ईमानदारी के चर्चे गांव-गांव में हैं। गांव में सड़क की जरूरत हुई तो अपनी जमीन दे दी। अजीत बाबू कहते थे कि मुझे वह गाना बहुत पसंद था, गरीबों की सुनो, वह तुम्हारी सुनेगा।

Related posts

कार ने मारी ट्रैक्टर में जोरदार टक्कर, कार से 1838 बोतल विदेशी शराब बरामद

admin

पठन-पाठन के साथ छात्रों की देश के निर्माण में भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है डॉक्टर चौरसिया

admin

अवैध क्रसर को पुलिस ने किया ध्वस्त

admin

Leave a Comment