बिक्रमगंज/रोहतास/बिहार
शहर के संत एसएन ग्लोबल स्कूल में डेमोक्रेसी इज द बेस्ट फॉर्म ऑफ गवर्नमेंट विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन शुक्रवार को हुआ। उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रकाश आनंद ने लोकतंत्र के प्राचीनकाल से अब तक के संपूर्ण स्वरूप व प्रसार पर प्रकाश डाला। दुनिया में अब तक सरकार के जितने स्वरूप देखने को मिले उनमें सर्वश्रेष्ठ स्वरूप लोकतंत्रात्मक स्वरूप है। नागरिको को जितने मौलिक या मानवाधिकार लोकतंत्र में प्राप्त होते हैं उतने किसी अन्य शासन व्यवस्था में नहीं।लोकतांत्रिक सरकार के पक्ष में विचारों को रखते हुए छात्रा अक्षिता सिंह ने स्वतंत्रता, समता व न्याय को परिभाषित किया।लोकतंत्र में विपक्ष को स्थान दिया गया गया है। चिली, पोलैंड, इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, भूटान, मयांमार, हांगकांग का उदाहरण सामने है। लोकतांत्रिक स्वरूप के विरोध में बोलते हुए मुस्कान कुमारी, अंकित कुमार सोनी, निष्ठा राजपूत ने लोकतंत्र को भ्रष्टाचार व अशिक्षितों का पर्याय बताया। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था किस समता व न्याय की बात करती है। भारत का उदाहरण ले, जहां लोकतंत्र प्रौढा अवस्था मे है। क्या आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद समता का राज्य कायम हुआ। लोकतंत्र में अनपढ़ व्यक्ति भी सर्वोच्च पद पर बैठ पढे-लिखों पर शासन करता है। अदिति, प्रिया बबलू, रोहन, प्रभु रंजन, सचिन, प्रशांत, प्रियांशु, दिव्य प्रकाश, जुबैर, समीर खान, रितिक, सौरभ, मानसी, विश्वमोहनी, आदित्य, खुशी, मो. दिलनवाज, विवेक, तन्नू, संध्या, दिव्यांशु, अक्षरा आदि ने अपने विचार रखे। प्रतियोगिता का संचालन शिक्षक राजा बाबू ने किया।
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